इजरायल की लेबनान पर सैन्य कार्रवाई जारी
फिलिस्तीन के बाद इजरायल का नया कदम
फिलिस्तीन के घटनाक्रम के बाद, इजरायल ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को जारी रखा है। इस संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपातकालीन बैठक बुलाई।
युद्धविराम की अमेरिकी पहल
संयुक्त राष्ट्र की अपील
25 सितंबर को, अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगियों ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 21 दिनों के युद्धविराम की मांग की। साथ ही, गाजा में भी युद्धविराम के लिए समर्थन व्यक्त किया गया।
इजरायल का कूटनीतिक दृष्टिकोण
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के दूत ने इस अपील का स्वागत करते हुए कहा कि इजरायल कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता देता है। लेकिन, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह समझौता इजरायली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करता है, तो इजरायल बल प्रयोग से पीछे नहीं हटेगा।
नेतन्याहू का ठोस जवाब
युद्धविराम की खंडन
हाल ही में खबरें आईं थीं कि हिजबुल्लाह ने 21 दिनों के युद्धविराम को स्वीकार कर लिया है। इस पर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह खबरें गलत हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, “युद्धविराम के बारे में रिपोर्ट सही नहीं हैं। यह एक अमेरिकी-फ्रांसीसी प्रस्ताव है, जिस पर प्रधानमंत्री ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।”
इजरायली सेना की स्थिति
मिशन की स्पष्टता
पीएमओ ने यह भी कहा कि हाल की रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायली सेना (IDF) ने हिजबुल्लाह को लिटानी नदी तक वापस लौटने के लिए सैन्य अभियान को कम कर दिया है, जो कि UNSC के प्रस्ताव 1701 के अनुसार अनिवार्य है, इसे खारिज कर दिया गया।
लड़ाई जारी रखने का निर्देश
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “उत्तर में लड़ाई कम करने के कथित निर्देश की रिपोर्ट गलत है। प्रधानमंत्री ने IDF को अपनी योजना के अनुसार पूरी ताकत से लड़ाई जारी रखने का निर्देश दिया है। गाजा में लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक युद्ध के सभी उद्देश्य हासिल नहीं हो जाते।”
अमेरिका और फ्रांस का संयुक्त बयान
युद्धविराम की स्थिरता
इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज़ ने 26 सितंबर को सोशल मीडिया पर लिखा, “उत्तर में युद्धविराम नहीं होगा।” उनका यह बयान अमेरिका, फ्रांस और अन्य देशों के उस बयान के बाद आया, जिसमें गाजा में हुए युद्धविराम और बंधक समझौते के क्रियान्वयन का आह्वान किया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई क्यों जारी रखी है?
इजरायल का कहना है कि हिजबुल्लाह के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक है। उनका उद्देश्य अपने नागरिकों को सुरक्षित रखना है।
नेतन्याहू ने ’21 दिनों के युद्धविराम’ के अमेरिकी प्रस्ताव को क्यों खारिज किया?
नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम के प्रस्ताव की शर्तें इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करतीं, इसीलिए उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
क्या युद्धविराम का कोई अन्य विकल्प है?
इजरायल ने कहा है कि वे कूटनीतिक समाधान के लिए तैयार हैं, लेकिन केवल तभी जब यह उनके सुरक्षा हितों को पूरा करे।
गाजा में स्थिति क्या है?
इजरायल ने स्पष्ट किया है कि गाजा में लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनके सभी युद्ध उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस स्थिति पर क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम की अपील की है, लेकिन इजरायल ने इसे खारिज कर दिया।
क्या हिजबुल्लाह ने युद्धविराम स्वीकार किया है?
हाल की रिपोर्टों में कहा गया था कि हिजबुल्लाह ने युद्धविराम स्वीकार कर लिया है, लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस खबर को गलत बताया है।
इजरायली सेना (IDF) की वर्तमान स्थिति क्या है?
इजरायली सेना को पूरी ताकत से अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया गया है, और वे अपनी योजनाओं के अनुसार काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रही सैन्य कार्रवाई की स्थिति जटिल और संवेदनशील है। नेतन्याहू ने अमेरिकी और फ्रांसीसी प्रस्तावित 21 दिनों के युद्धविराम को खारिज कर दिया है, यह स्पष्ट करते हुए कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है। गाजा में लड़ाई जारी रखने का निर्णय और हिजबुल्लाह के खिलाफ कठोर उपायों की आवश्यकता इजरायल की सुरक्षा नीति का प्रमुख हिस्सा हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अपील के बावजूद, इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वे कूटनीतिक समाधान के लिए तब तक तत्पर हैं जब तक उनकी शर्तें पूरी होती हैं। इस प्रकार, यह स्थिति दर्शाती है कि क्षेत्रीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए